inside
Sunday 23 May 2021
Friday 10 April 2020
Sunday 23 February 2020
Thursday 3 May 2018
नन्हा सेल्समेन (Little Salesman)
हॉर्न के साथ-साथ और भी तरह-तरह की आवाज़ करती और हवा को चीरती हुई आगे बढ़ रही बस कुछ धीमी हुई और फिर रुक गयी | बस में कोई खराबी नहीं आयी है पर आगे ट्रेन का फाटक बंद है | यह जगह सिकंदराराऊ है , कुछ यात्रियों के यहाँ उतर जाने से बस में कुछ जगह तो हो गयी है पर बस की गैलरी में अभी भी कई लोग खड़े हुए हैं जो बैठे हुए लोगों का मुँह इस उम्मीद में ताक रहे हैं के शायद कोई उतर जाये तो उन्हें भी बैठने को जगह मिल जाये |
बस के चारों तरफ घूम-घूम कर कुछ लोग खाने-पिने का सामान बेच रहे हैं | इनमे से एक करीब 10 साल का छोटा सा सेल्समेन भी बस में चढ़ता है | उसके छोटे-छोटे हाथों में 1 टोकरी है जिसमे कुछ खीरे रखे हुए हैं जिनका छिलका पहले से उतारा हुआ है, 1 चाकू और नमक का छोटा सा डिब्बा खुला हुआ एक तरफ रखा है| यह सेल्समेन 5 रूपए में 1 खीरा बेच रहा है | गर्मी के दिनों में लोग बस में सफर करते हुए खीरा और ककड़ी खाना बहुत पसंद करते हैं इसलिए इन साहब की दुकान भी अच्छी चल रही है |
लोग खीरा खरीदने से पहले उसका दाम पूछते फिर उन पर 1 नज़र डाल कर उसकी क्वालिटी का अंदाजा लगा लेते | हर जगह की तरह यहाँ भी खुले पैसों की समस्या है | हर कोई 10 रूपए का नोट आगे बढ़ाता, इसलिए नन्हा सेल्समेन सामान बेचने से पहले खुले पैसो की मांग करता | मैंने भी उस सेल्समेन से 1 खीरे की मांग की| उसने बड़ी सावधानी से 1 खीरे के 2 टुकड़े किये फिर चाकू पर थोड़ा नमक रख कर खीरे के अंदर लगाया | इतनी महारत उसकी उम्र के हिसाब से काफी ज्यादा है | मैंने खीरा लिया और उसकी कीमत चूका दी | खीरे जल्दी-जल्दी बिक रहे हैं | मेरे सामने की सीट पर 1 पति-पत्नी बैठे हैं जिनकी उम्र 40 साल के आस-पास होगी | उनके कपड़ों और चेहरे के हाव-भाव को देख कर तो पढ़े-लिखे समझदार ही मालूम होते हैं |
इन साहब से नन्हे सेल्समेन को कड़े शब्दों में पुछा ," खीरा पका हुआ तो नहीं निकलेगा?"
नन्हे सेल्समेन ने कुछ खास गारंटी नहीं दी |
पका हुआ खीरा खाने में अच्छा नहीं लगता क्यूंकि उसके बीज स्वाद ख़राब कर देते हैं |
इन साहब ने नन्हे सेल्समेन से 1 खीरा काटने को कहा लेकिन शर्त यह रखी की कच्चा निकलने पर ही खरीदेंगे | नन्हे सेल्समेन ने शर्त मान ली | खीरा काटने पर इतना कच्चा नहीं था जितना इन साहब को संतुष्ट कर सके | इसलिए शर्त के हिसाब से उन्होंने खीरा नहीं ख़रीदा लेकिन फिर भी उन्होंने उस नन्हे सेल्समेन को 1 थपकी दे दी जिसमे प्यार नहीं निराशा थी | नन्हे सेल्समेन को अच्छा नहीं लगा, उसकी आँखों में 1 पल के लिए गुस्सा भी आया, पर अगले ही पल वो अपनी टोकरी ले के आगे बढ़ गया| ट्रेन के गुजरने की आवाज़ हुई और उसके बाद बस के इंजन ने भी कसकर हुंकार भरी मनो कोई शेर जंगल में हो | बस ने धीरे-धीरे आगे बढ़ना शुरू किया और वो नन्हा सेल्समेन जिसकी समझ उसकी उम्र से कद में काफी बड़ी थी, बस से उतर गया |
Sunday 17 January 2016
Tuesday 1 September 2015
Subscribe to:
Posts (Atom)